आर्म्ड फोर्सेज मेडिकल सर्विसेज: “नींद को प्राथमिकता दें”
भारतीय सशस्त्र बलों ने एक नई और महत्वपूर्ण पहल शुरू की है, जिसका उद्देश्य नींद के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। आर्म्ड फोर्सेज मेडिकल सर्विसेज (AFMS) ने एक वीडियो सीरीज़ जारी की है, जिसमें यह उजागर किया गया है कि कैसे “नींद को अक्सर प्राथमिकता नहीं दी जाती।” इस मुहिम का लक्ष्य न केवल हमारे जवानों को, बल्कि आम जनता को भी पर्याप्त और गुणवत्तापूर्ण नींद के फायदों के बारे में शिक्षित करना है।
नींद की कमी: एक अदृश्य खतरा
इस वीडियो सीरीज़ में बताया गया है कि नींद की कमी एक अदृश्य खतरा है, जो हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है। नींद न मिलने से न केवल थकान महसूस होती है, बल्कि यह कई गंभीर बीमारियों जैसे हृदय रोग, मधुमेह और मोटापे का कारण भी बन सकती है। इसके अलावा, नींद की कमी से एकाग्रता, निर्णय लेने की क्षमता और याददाश्त पर भी नकारात्मक असर पड़ता है।
यह मुहिम इस बात पर जोर देती है कि एक सैनिक के लिए नींद का महत्व कितना है। युद्ध या कठिन परिस्थितियों में, एक जवान को हर पल सतर्क और चौकस रहना पड़ता है, और इसके लिए पर्याप्त नींद अनिवार्य है।
नींद की गुणवत्ता में सुधार के लिए सुझाव
AFMS की इस मुहिम में नींद की गुणवत्ता में सुधार के लिए कुछ व्यावहारिक सुझाव भी दिए गए हैं:
- नियमित समय पर सोएं और जागें: एक निश्चित शेड्यूल बनाए रखने से शरीर की आंतरिक घड़ी (Circadian Rhythm) को बेहतर बनाने में मदद मिलती है।
- शांत और अंधेरे कमरे में सोएं: सोने के लिए एक शांत और आरामदायक माहौल बनाएं।
- कैफीन और शराब से बचें: शाम के समय कैफीन और शराब का सेवन न करें, क्योंकि यह आपकी नींद को बाधित कर सकता है।
- शारीरिक व्यायाम करें: नियमित व्यायाम नींद की गुणवत्ता को बढ़ाता है, लेकिन सोने से ठीक पहले व्यायाम न करें।
- स्क्रीन टाइम कम करें: सोने से एक घंटा पहले मोबाइल फोन, लैपटॉप और टीवी से दूर रहें, क्योंकि इनसे निकलने वाली नीली रोशनी नींद को प्रभावित कर सकती है।
आर्म्ड फोर्सेज मेडिकल सर्विसेज की यह मुहिम एक महत्वपूर्ण संदेश देती है: नींद केवल आराम नहीं, बल्कि हमारे स्वास्थ्य और प्रदर्शन का एक अनिवार्य हिस्सा है। यह न केवल हमारे जवानों को उनकी ड्यूटी के लिए तैयार करती है, बल्कि हम सभी को एक स्वस्थ और खुशहाल जीवन जीने के लिए प्रेरित करती है।




