राजस्थान जयपुर में दर्दनाक सड़क हादसा — डंपर ने 17 गाड़ियों को मारी टक्कर, 13 की मौत और 18 घायल

राजस्थान जयपुर में दर्दनाक सड़क हादसा — डंपर ने 17 गाड़ियों को मारी टक्कर, 13 की मौत और 18 घायल
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राजस्थान जयपुर में भीषण सड़क हादसा — डंपर ने मचाई तबाही

राजस्थान की राजधानी जयपुर में रविवार दोपहर एक भयावह सड़क हादसा हुआ, जिसने पूरे राज्य को हिला दिया।
जानकारी के अनुसार, एक अनियंत्रित डंपर ने 17 गाड़ियों को टक्कर मार दी, जिसमें 13 लोगों की मौत हो गई और 18 लोग घायल हो गए हैं।

यह हादसा जयपुर के रोड नंबर 14 पर पेट्रोल पंप के पास हुआ। घटना इतनी भीषण थी कि कई गाड़ियाँ एक-दूसरे से टकराकर पलट गईं, और आसपास का पूरा इलाका अफरातफरी में बदल गया।


हादसे का पूरा घटनाक्रम

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, हादसा दोपहर करीब 1 बजे हुआ।
एक भारी-भरकम डंपर ट्रक रोड नंबर 14 से तेज रफ्तार में आ रहा था और पेट्रोल पंप के पास से हाईवे पर चढ़ने की कोशिश कर रहा था।
इस दौरान ड्राइवर का नियंत्रण डंपर से हट गया और उसने सामने चल रही गाड़ियों को टक्कर मार दी।

देखते ही देखते लगातार 17 गाड़ियाँ एक के बाद एक दुर्घटनाग्रस्त हो गईं — इनमें कारें, ऑटो और बाइकें शामिल थीं।
कई वाहन टक्कर के बाद बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए और कुछ में आग लगने की भी खबर है।


मौके पर मची चीख-पुकार

हादसे के तुरंत बाद घटनास्थल पर चीख-पुकार और भगदड़ मच गई।
राहगीरों और स्थानीय लोगों ने तुरंत घायलों को बाहर निकालने की कोशिश की।
थोड़ी ही देर में पुलिस और फायर ब्रिगेड की टीम मौके पर पहुंची और बचाव अभियान शुरू किया।

एसएमएस अस्पताल और ट्रॉमा सेंटर को अलर्ट पर रखा गया।
पुलिस के अनुसार, “अब तक 13 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है जबकि 18 घायल हैं, जिनमें तीन की हालत नाजुक बताई जा रही है।”


घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया

घायलों को पहले नजदीकी राजकीय अस्पताल में भर्ती कराया गया, जबकि गंभीर रूप से घायल तीन लोगों को एसएमएस ट्रॉमा सेंटर, जयपुर रेफर किया गया है।
अस्पताल प्रशासन ने बताया कि कई मरीजों की हालत बेहद गंभीर है और उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया है।

राजस्थान सरकार ने मृतकों के परिवारों के लिए ₹5 लाख की मुआवजा राशि और घायलों के लिए ₹50,000 की सहायता की घोषणा की है।


डंपर ड्राइवर फरार, पुलिस ने की नाकाबंदी

घटना के बाद डंपर चालक मौके से फरार हो गया।
पुलिस ने आसपास के जिलों में नाकाबंदी कर दी है और ड्राइवर की तलाश जारी है।
प्राथमिक जांच में यह भी सामने आया है कि डंपर का ब्रेक फेल होने की संभावना है, हालांकि इसकी पुष्टि फॉरेंसिक रिपोर्ट आने के बाद ही होगी।

जयपुर पुलिस कमिश्नर ने बताया कि,

“डंपर की गति बहुत तेज थी। ड्राइवर ने वाहन पर नियंत्रण खो दिया। फिलहाल केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।”


प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया भयावह मंजर

स्थानीय दुकानदार राजेश शर्मा ने बताया —

“सड़क पर अचानक जोरदार धमाका हुआ। हम बाहर निकले तो देखा कि गाड़ियाँ एक-दूसरे में फंसी पड़ी हैं। कई लोग गाड़ियों में फंसे हुए थे, हम सबने मिलकर शीशे तोड़कर उन्हें निकाला।”

एक अन्य चश्मदीद ने कहा,

“ऐसा लग रहा था जैसे कोई ट्रक पूरे बाजार को कुचलता चला गया हो। कुछ गाड़ियाँ पूरी तरह मलबे में तब्दील हो गई थीं।”


प्रशासन और सरकार की प्रतिक्रिया

हादसे की सूचना मिलते ही मुख्यमंत्री कार्यालय ने घटना पर दुख जताया और प्रशासन को राहत-बचाव कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर कहा —

“जयपुर में हुए भीषण सड़क हादसे की खबर बेहद दुखद है। मेरी संवेदनाएँ पीड़ित परिवारों के साथ हैं। घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूँ।”

जयपुर जिला प्रशासन ने सभी अस्पतालों को आपात स्थिति के लिए तैयार रहने के आदेश दिए हैं और मृतकों की पहचान प्रक्रिया शुरू कर दी है।


हादसे के पीछे संभावित कारण

प्रारंभिक जांच में पुलिस ने कुछ संभावित कारण बताए हैं —

  1. ब्रेक फेल होने की संभावना।
  2. तेज रफ्तार और ओवरलोडिंग
  3. सड़क किनारे अनियमित पार्किंग और ट्रैफिक प्रबंधन की कमी

फिलहाल डंपर मालिक और ड्राइवर के खिलाफ गैर-इरादतन हत्या का केस दर्ज किया गया है।


सड़क सुरक्षा पर उठे सवाल

यह हादसा एक बार फिर सड़क सुरक्षा और भारी वाहनों के नियंत्रण पर गंभीर सवाल खड़े करता है।
राजस्थान में पिछले एक साल में सड़क हादसों में 14% की वृद्धि दर्ज की गई है, जिनमें सबसे बड़ा कारण तेज रफ्तार और लापरवाही बताया गया है।

विशेषज्ञों का कहना है कि —

“भारी वाहनों को हाईवे पर प्रवेश से पहले तकनीकी जांच से गुजरना चाहिए और चालक के प्रशिक्षण की नियमित निगरानी जरूरी है।”


निष्कर्ष

जयपुर का यह सड़क हादसा न केवल एक दर्दनाक त्रासदी है, बल्कि एक चेतावनी भी — कि भारत में सड़क सुरक्षा अभी भी एक गंभीर चुनौती बनी हुई है।
13 निर्दोष लोगों की मौत ने एक बार फिर प्रशासनिक जिम्मेदारी और ट्रैफिक सिस्टम पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

सरकार और जनता, दोनों को मिलकर ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे — ताकि कोई और परिवार सड़क पर लापरवाही का शिकार न बने।

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